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Showing posts from January, 2018
आप को जो चाहिए वो लेलो , हमें कुछ नहीं चाहिए : नेटिविस्ट डी.डी.राउत किसी को महात्मा गाँधी चाहिए , किसी को तिलक , किसी को महात्मा फुले चाहिए , किसी को मराठा शिवाजी तो किसी को बहुजन शिवाजी , किसी को मार्क्स चाहिए तो किसी को माओ ,किसी को सीधासाधा आंबेडकर चाहिए तो किसी को बुद्धिस्ट आंबेडकर , किसी को बहुजन आंबेडकर चाहिए तो किसी को सर्वजन आंबेडकर, किसी को अमबेडकरी साथै चाहिए तो किसी को मार्क्सवादी साठे , किसी को पेरियार , किसी को आज़ाद , किसी को नेताजी , किसी को भगत सिंह।  आप को जो चाहिए वो लेलो , हमें कुछ नहीं चाहिए यह हम साफ साफ कर रहे है। हम नेटिविस्ट है , हमारा गुरु है नेटिविज़्म।  एक म्यान में दो तलवार नहीं हो सकती।  वैसे भी नेटिविज़्म सब का बाप है चाहे गाँधी हो या फुले सब उसके बच्चे है। हम कहते है नेटिव हिंदुत्व।  हम है हिंदुस्तानी , हिन्दू चाहे किसी भी धर्म के हो केवल विदेशी ब्राह्मण छोड़ , बाकी सब नेटिव है ,हिन्दू है , हिंदुस्तानी है।  हमें विदेशी ब्राह्मण धर्म नाकारा है क्यों की वो अधर्म है , सत्य हिन्दू धर्म और हिन्दू का विरोधी है , यही बात कभी बुद्धा ने ...
नेटिव हिन्दू धर्म का रंग है पीला , विदेशी ब्राह्मण धर्म का रंग है काला : नेटिव हिन्दू धर्म का रंग पीला ,सोनेरी , सोने जैसा है पर विदेशी ब्राह्मण धर्म  का रंग है काला। विदेशी ब्राह्मण धर्मी आरएसएस का रंग भी सही मायने में और काम के हिसाब से काला ही है। हिन्दू समाज , हिंदुस्तान , हिन्दू धर्म में पिले रंग का विशेष महत्त्व है।  सोना , सोने का रंग , हल्दी का नेचरल रंग पीला ही है यहाँ तक सूर्य के किरणे भी पिली आभा के होते है इस लिए हिन्दू सूर्य उपासक भी है और हल्दी का प्रयोग शुभ या मंगल कार्य में अनिवार्य है।  हिन्दू जब शादी करते है तो हल्दी का कार्यक्रम किया जाता है जिस में सभी भाग लेते है।  दूल्हे , दुल्हन को शादी के पहले हल्दी लगायी जाती है उन्हें हिन्दू बनाया जाता है।  शिव भक्त भी हल्दी का भंडारा यानि माथे पर तिलक लगते है , औरते भी हल्दी और सूखे हल्दी से तैयार कुमकुम का प्रयोग अपने शादी शुदा , ग्रहस्ती होने के कारण कराती है और आने जाने वाली शादीशुदा औरतो को हल्दी कुमकुम लगा कर उनके सौभाग्य की मंगल कामना करती है।  साउथ में पीला धागा सौभाग्य का प्रतिक है जो...